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गौ*🔸Adrakadi Ghrit:-*
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जिगर रोग Liver Disease / Liver cirrhosis
१. घीकुँवार (घियाकुमारी, ग्वारपाठा) का रस ६ ग्राम लेकर उसमें सेंधा नमक और समुद्री नमक आधा-आधा ग्राम मिलाकर खिलाएँ, जिगर बिल्कुल जरा- ठीक हो जाता है। उतार
२. गुलबनफ्शा २५ ग्राम को आधा किलो दूध और आधा किलो पानी में का पकाएँ। जब सारा पानी जलकर केवल दूध रह जाए तब उतार लें। ठण्डा होने पर इसे खूब मल और छानकर इसमें १५ ग्राम शहद और १० ग्राम मिश्री मिलाकर पिलाने से कछ ही दिनों में बहुत बढ़ा हुआ जिगर भी ठीक हो जाता है। उन
३. हरे करेलों को कटकर उनका ५० ग्राम पानी प्रतिदिन एक मास तदाब
पिलाएँ। एक मास में रोगी स्वस्थ हो जाता है। गुर्दे का वर्म और जलोदर में।
इसके प्रयोग से ठीक हो जाता है।
४. नौशादर पपड़िया को बारीक पीस लें। घीकुँवार के पत्ते को बीच
चीरकर उसपर थोड़ा-थोड़ा पिसा हुआ नौशादर ६ ग्राम बुरकें और जो पानाए निकले उसे सुरक्षित रखते जाएँ। यह अर्क १५ बूँद एक घूँट पानी में मिलाकाए खाना खाने के आधा घण्टा पश्चात् दोनों समय पिलाएँ। जिगर की सूजन द करने और बढ़े हुए जिगर को सामान्य बनाने के लिए अत्युत्तम है। व
जुएँ
१. सुहागा २० ग्राम, फिटकरी २० ग्राम-दोनों को २५० ग्राम गर्म पा में मिलाकर कुछ दिनों तक सिर में मलें। जुओं का नाश हो जाएगा, खुजली ब होगी।
२. मूली अथवा पान के रस में पारा खरल करके सिर में लगाने से
Ref by Chamatkari Aushadhi Book by swamiparamhansh Jagdish ishwaransnd sharswati